गणेश चालीसा के बोल अंग्रेजी और हिंदी में पढ़ें

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भगवान गणेश को बाधाओं का निवारण और बुद्धि, धर्म, ज्ञान और बुद्धि का देवता कहा जाता है। उन्हें भगवान शिव और देवी पार्वती के रूप में सबसे कम उम्र का कहा जाता है। लोग अनुष्ठान और परंपरा के अनुसार उनकी पूजा करते हैं। लोग भगवान को खुश करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए विभिन्न भजन और गीत भी गाते हैं। आज हम यहां गणेश चालीसा के बोल के साथ हैं। अधिक पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।





गणेश चालीसा गीत अंग्रेजी में

जय गणपति सदगुण सदन,

Kavivar Badan Kripaal,

Vighna Haran Mangal Karan,



Jai Jai Girijaalaal

जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल,

विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल



Jai Jai Jai Ganapati Ganaraaju,

Mangal Bharana Karana Shubha Kaajuu,

Jai Gajbadan Sadan Sukhdaata,

विश्व विनायक बुद्धी विधाता

जय जय जय गणपति गणराजूमंगल भरण करण शुभ काजू,

जै गजबदन सदन सुखदाता विश्व विनायक बुद्घि विधाता !!

VakraTunda Shuchi Shunda Suhaavana,

तिलक त्रिपुंड भल मन भवन,

रजाता मणि मुक्तन ओरा माला,

स्वर्ण मुकुता शिर नयना विशाला

वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन,

रजत मणि मुक्तन उर माला स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला

Pustak Paani Kuthaar Trishuulam,

मोदक भोग सुगंधित फूलम,

सुंदरा पीताम्बर तन साजित,

चरण पादुका मुनि मन राजित

पुस्तक जल कुल्हाड़ी त्रिशूल मोदक भोग सुगंधित फूल,

सुन्दर पीताम्बर तन साजित चरण पादुका मुनि मन राजित

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता,

Gaurii Lalan Vishva-Vikhyaata,

ऋद्धि सिद्धि तव चँवर सुधारे,

मोसहका वहन सोहत दवारे

धनि शिवसुवन षडानन भ्राता गौरी ललन विश्वविख्याता,

ऋद्घिसिद्घि तव चंवर सुधारे मूषक वाहन सोहत द्घारे

कहुँ जनम शुभ कथा तुमहारी,

अति शुचि पावन मंगलकारी,

एक सम गिरिराज कुमारी,

पुत्रा हितु तप कीन्ह भारी

कहौ जन्म शुभकथा तुम्हारी अति शुचि पावन मंगलकारी,

एक समय गिरिराज कुमारी पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी

Bhayo Yagya Jaba Poorana Anupaa,

तबा पहंच्यो तुमा धरि द्विज रूपा,

एतिथि जानि कै गौरि सुखारि,

Bahu Vidhi Sevaa Karii Tumhaarii

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूप तब पाहुन्यो तुम धरि धीज रूप,

अतिथि जानि कै गौरि सुखारी बहुविधि सेवा करी तुम्हारी

Ati Prasanna Hvai Tum Vara Diinhaa,

मातु पुत्र हित जो नल कीन्हा,

मिलहि पुत्र तुही, बुधि विशाला,

Binaa Garbha Dhaarana Yahi Kaalaa

अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा,

मिल्हि पुत्र तुही, गर्भ के बिना ज्ञान विशाल, यह काला है

गणनायक गुन ज्ञान निधाना,

पूजिता प्रतिम रूप भगवाना,

Asa Kehi Antardhyaana Roop Hai,

पलाना परा बालक सवरोप है

गणनायक, गुण ज्ञान निधाना पूजित प्रथम, रुप भगवाना,

अस कहि अन्तर्धान रुप है पलना पर बालक स्वरुप है

बनिशिषु रदनजबहि ततम थाना,

लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना,

Sakal Magan Sukha Mangal Gaavahin,

Nabha Te Suran Suman Varshavahin

बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना,

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं

Shambhu Umaa Bahudaan Lutaavahin,

Sura Munijana Suta Dekhan Aavahin,

लखी अति आनंद मंगल साजा,

Dekhan Bhii Aaye Shani Raajaa

शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं,

लखि अति आनन्द मंगल साजा देखन भी आये शनि राजा

निज अवगुण गनि शनि मन माहीं,

बालक दीखण चहत नहिं,

गिरिजा कछु मन भेदा बधायो,

उत्सव मोरा न शनि तूही भायो

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं बालक, देखन चाहत नाहीं,

गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो उत्सव मोर, न शनि तुहि भायो

Kahana Lage Shani Man Sakuchaai,

Kaa Karihau Shishu Mohi Dikhayii,

नहिं विश्वसा उमा उर भयउ,

शनि पुत्र बालक देवक कह्यौ

कहन लगे शनि, मन सकुचाई का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई,

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ शनि सों बालक देखन कहाऊ

पदातहिं शनि द्रीगोकोना प्राकाशा,

बालक सिरा उड़ी गयो आकाशा,

Girajaa Girii Vikala Hvai Dharanii,

सो दुःख दशा गयो नहिं वरनि

पदातहिन, शनि ढोना कोना प्रकाश बोलक सर उड़ी गयो अकाशा,

गिरिजा गिरीं विकल है धरणी सो दुख दशा गयो नहीं वरणी

हाहाकार मच्यो कैलाशा,

शनि कीन्होन लखि सुता को नशा,

तुरत गरुड़ छाड़ि विष्णु सिधाये,

Kaati Chakra So Gaja Shira Laaye

हाहाकार मच्यो कैलाशा शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा ,

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो काटि चक्र सो गज शिर लाये

Baalak Ke Dhada Uupar Dhaarayo,

प्राण मंत्र पढि शंकर भयऊ,

Naama'Ganesha'ShambhuTabaKiinhe,

प्रणाम पूज्य बुधि निधि वार दिन

बालक के धड़ ऊपर धारयो प्राण, मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो,

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे प्रथम पूज्य बुद्घि निधि, वन दीन्हे

Buddhi Pariikshaa Jab Shiva Kiinhaa,

पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा,

चले षडानन भरमी भुलाई,

Rache Baithii Tum Buddhi Upaai

बुद्घ परीक्षा जब शिव कीन्हा पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा,

चले षडानन, भरमि भुलाई रचे बैठ तुम बुद्घि उपाई

चरण मातु-पितु के धरा लिहेन,

तिनके सात प्रदक्षिणा कीन्हें

Dhani Ganesha Kahi Shiva Hiye Harashyo,

Nabha Te Suran Suman Bahu Barse

चरण मातुपितु के धर लीन्हें तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें,

धनि गणेश कहि शिवै हुं हर्षायो, नाभा ते सूरन सुमन बहू बरसै

Tumharii Mahima Buddhi Badaai,

Shesha Sahasa Mukha Sake Na Gaai,

मुख्य मती हीन मलीना दुखारी,

Karahun Kaun Vidhi Vinaya Tumhaarii

तुम्हरी महिमा बुद्घि बड़ाई शेष सहसमुख सके न गाई

मैं मतिहीन मलीन दुखारी करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी,

Bhajata 'Raamsundara' Prabhudaasaa,

जग प्रयाग काकरा दुर्वासा,

Ab Prabhu Dayaa Deena Par Keejai,

Apnii Bhakti Shakti Kuchha Deejai

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा जग प्रयाग, ककरा, दर्वासा

अब प्रभु दया दीन पर कीजै अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै !!

दोहा लूँगा

श्री गणेश ये चालीसा, पाठ कर धरा ध्यान ल

नीता नव मंगला ग्रहा आधार, लहे जगत सनमाना

Sambandh Apna Sahasra Dash, Rishi panchamii dinesha l

पूरण चालीसा भयो, मंगला मूरति गणेश ll

ll दोहा ll

!! श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान,

नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान,

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश,

पुराण चालीसा किया, मंगल मूर्ति गणेश !!

कल के लिए आपका कुंडली

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