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माना जाता है कि भगवान शनि (शनि), दंड के देवता हैं और उनके कृत्यों के अनुसार उनके भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए माना जाता है। वह हमें याद दिलाता है कि हमें क्या करना चाहिए और अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए। लोग अक्सर अपने भाग्य चार्ट या कुंडली में शनि दोष होने के बारे में चिंता करते हुए देखे जाते हैं। शनि दोष मूल रूप से किसी के गलत काम के लिए उसकी सजा है। इसलिए लोग भगवान शनि की पूजा करते समय अत्यधिक ध्यान देते हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, उनका आशीर्वाद पाने और किसी के बुरे कर्मों से छुटकारा पाने के लिए उनकी पूजा की जाती है। शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवता की पूजा करना फायदेमंद हो सकता है। इतना ही नहीं, बल्कि भक्तों का मानना है कि शनि चालीसा का पाठ करना किसी की कुंडली में शनि दोष को खत्म करने या कम करने में लाभदायक साबित हो सकता है। इसलिए, हम अंग्रेजी में शान चालीसा के बोल लेकर आए हैं। अब आप इस चालीसा के अंग्रेजी संस्करण को देख सकते हैं। अधिक जानने के लिए, लेख को नीचे स्क्रॉल करें।
दोहा
Jai Ganesh Girija suvan mangal karan kripal
Dinan ke dukh door kari kijai nath nihal
Jai Jai Shri Shanidev Prabhu sunahu vinay maharaj
करु कृपा अति रवि तनय रहखु जन की लाज
चालीसा
जयति जयति शनिदेव दयाला, करत सदा भगतन प्रतिपाल
चारी भुजा, तनु शाम विराजे, माथे रतन मुकुट छाजे
Param vishal manohar mhala, tedhi drishti bhrikuti vikarala
कुंडल श्रवण चामचम चामके, हाये मूक मुक्तां मणि दमके
कर मैं गदा त्रिशूल कुथारा, पल बिच करे अरिहि सहारा।
पिंगल, कृष्णो, छाय नंदन, यम कोष्ठ, रौद्र, दुखन भं सौरी, मंड शनि, दश नाम, भानु पुत्र पूजै सब काम
जापर प्रभु प्रसन्ना ने जेहि रंकहु राव करहि शाँन माँही
परवथु त्रुं होइ निहारत, त्रिनहु को परवत करि डारत
Raaj milat vann Ramahi dinho Kaikeyi hu ki mati hari linho
Vanhu me mrig kapat dikhai Matu Janki gai churai
Lakhana hi shakti vikal karidara machiga dal me hahakara
Ravan ki gati-mati baurai, Ramachandra so bair badhai
दियो केत करि कंचन लंका, बाजि बजरंग बीर की डंका
नृप विक्रम परा तुहि पगु धर, चितरा मयूर निगाली गइ हारा
हार नौलखा लागो छोरी, हाथ जोड़ी दरवौ तोरी
Bhari dasha nikrasht dikhao telahi ghar kolhu chalvao
विनय राग गहन मह किनो टैब प्रसन्ना प्रभु ने सुख दीन्हो
हरिश्चन्द्र नृप नारी बिकनी, आफु भारे डोम घर पाणि
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Shri Shankarahi gaheo jab iai Paravati ko Sati karai
तनिक विलोकत ही करि रिस नभ उड़ी गतो गौरीसुत लगत
Pandav par bhai dasha tumhari bachi Draupadi hoti ughari
Kaurav keb hi gati mati tareyo yudh Mahabharat kari dareyo
Ravi kah mukh mah dhari tatkala lekar kudi pareye patala
शीश देव-लखि विनाति लै रवि को मुख ते दियो चुदाई
Vahan prabhu ke saat sujana jag diggaj gardabh mrig svana
Jambuk sinh aadi nakh dhari so phal jyotish kehat pukari
गज वं लक्ष्मी गृहे ऐवे ते सुख सुख सम्पति
गर्दभ हनी करे बहू काज सिंह सिधकार राज समजा
जम्बुक बुधि नश्त कर डारे मृग दे कश्त प्राण संहारे
जब अवे सवन सवरी चोरि अनादि होइ देह भारी
तैसी चरी चरन ये नाम नामवर लहँ चँदी अरु तम
Lauh aharan par jab Prabhu aave dhan jan sampati nasht karave
Samta tamra rajat shubhkari svarn sarvasukh mangal bhari
Jo yah Shani Charitra nit gave kabhu na dasha nikrisht satave
Adbhut nath dikhave leela kare shatru ke nashi bali dhila
जो पंडित सुयोग्य बलवी विद्धिवत शनि ग्रं शंति करै
पीपल जल शनि दिवा चढावत गहरे दान है बहू सुख
कहत राम सुंद प्रभु दासा शनि सुमिरत सुख प्रकाश
दोहा
Path Shanishchar Dev ko ki ho bhagat taiyar
करत पथ चलिस दिन हो भवसागर पार