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दिवाली भारत में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का संकेत देता है और इस वर्ष यह 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीपावली संस्कृत शब्द दीपावली से आई है जिसका अर्थ है रोशनी की एक पंक्ति। यह उत्सव 25 अक्टूबर को धनतेरस से, 26 अक्टूबर को छोटी दिवाली और 27 अक्टूबर को दीवाली से शुरू होता है।
दिवाली का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक महीने में अमावस्या या अमावस्या के दिन आती है। दिवाली को 17 वीं शताब्दी के संस्कृत नाटक नागानंद में दीपप्रतिपादुत्सव के रूप में जाना जाता है। इस नाटक में, नवविवाहित जोड़ों को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के विवाह की याद में दीपक भेंट किए गए थे। इसलिए, इस दिन अधिकांश हिंदू देवी लक्ष्मी की कृपा के लिए पूजा करते हैं।
एक लोकप्रिय किंवदंती के अनुसार, इस दिन दीवाली भी मनाई जाती है क्योंकि भगवान राम और सीता 14 साल के वनवास के बाद लौटे थे और अयोध्या के लोगों ने अपने घर वापसी के लिए कई मिट्टी के दीपक या दीये जलाए थे।
दिवाली कैसे मनाई जाती है?
लोग मिठाई की पेटियों के साथ अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं। इन मिठाइयों में काजू बर्फी, रसगुल्ला, नारियल के लड्डू और गुलाब जामुन शामिल हैं। सूखे मेवे और मेवे और अन्य नमकीन स्नैक्स जैसे भुजिया, कचोरी, गटिया, चकली, और समोसा भी दिवाली पर वितरित किए जाते हैं।
दिवाली के लिए पूजा मुहूर्त
27 अक्टूबर, 2019 (रविवार): दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त अपराह्न 06:43 बजे शुरू होकर रात 08:01 बजे समाप्त होगा।
अमावस्या तिथि 27 अक्टूबर, 2019 को दोपहर 12:23 बजे से शुरू होकर 28 अक्टूबर, 2019 को सुबह 09:08 बजे समाप्त होगी।
कुंभ लग्न मुहूर्त (दोपहर): दोपहर 02:14 से रात 03:42 तक।
प्रदोष काल शाम 05:41 बजे से 08:15 बजे तक है।
वृष काल रात्रि 06:43 बजे से 08:39 बजे तक है।
वृष लग्न मुहूर्त (शाम): शाम 06:42 से शाम 08:38 तक।
28 अक्टूबर, 2019 (सोमवार): सिंह लग्न मुहूर्त (मध्यरात्रि) - दोपहर 01:12 से दिन 03:30 तक।
हैप्पी दिवाली और नव वर्ष की शुभकामनाएँ!